Facts About maha kali kavach Revealed

माता काली का यह रूप जिसमें वह अत्यंत क्रोधित और भय प्रेत मुद्रा में रहती है यह रूप सिर्फ उनके लिए है जो भीतर से दानव प्रवृत्ति के होते हैं और जिन मनुष्य के अंदर कोई दया भाव नहीं होता.

 धनहीनाः पुत्रहीनाः शत्रवस्तस्य सर्वदा ।।

When it suggests mantra just what could it be referring to? Is it a Component of the kavacha, the navarna, or Another mantra?”

०३.११.२०११ रोजी लाभार्थ्याकडून अंशदान घेण्याबाबतची अधिसूचना निर्गमित करण्यात आली

नीलोत्पलदलश्यामां शत्रुसंघ विदारिणीम्।

माँ काली की घर में फोटो क्यों नहीं रखनी चाहिए?

अब बात करते है कि आखिर देवी पार्वती के काली रूप more info की उत्पत्ति कैसे हुई?

Reciting these, hence, delivers stability to life and can help persons to choose what is true and Mistaken within their life.

पातु श्रीकालिकादेवी सर्वोत्पातेषु सर्वदा ॥ १३॥

ॐ यं वायुतत्त्वात्मकं धूपं श्रीमहाविद्याप्रीत्यर्थे आघ्रापयामि नमः ।

ह्रीं ह्रीं क्षें क्षें स्वरूपा सा सदा शत्रून्विदारयेत्।।

वैरिनाशाय वन्दे तां कालिकां शङ्करप्रियाम्।।

हे रावण! मैंने इस दिव्य कवच को तुम्हारे समक्ष कहा है। जो भी इस कवच का पाठ भक्ति पूर्वक नित्य करेगा, उसके शत्रुओं का नाश होगा। उसके शत्रु रोग से पीड़ित होंगे तथा धन पुत्रादि सुखों से वह हीन हो जायेंगे। इसको एक हजार बार पढ़ने से सिद्धि हो जाती है। सिद्ध हो जाने पर मारणं प्रयोग में सफलता मिलती है।

शत्रूरूच्चाटनं याति देशाद वा विच्यतो भवेत् ।

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